नोएडा में बाइक टैक्सी रजिस्ट्रेशन 12 गुना घटा, जानिए दो प्रमुख कारण

नोएडा में बाइक टैक्सी रजिस्ट्रेशन 12 गुना घटा, जानिए दो प्रमुख कारण

नोएडा:  नोएडा में मोटरसाइकिल टैक्सी पंजीकरण में लगभग बारह गुना की कमी हुई है। पिछले साल 180 बाइक पंजीकृत हुईं। वहीं इस साल यह 15 पर गिर गया है। इसकी दो मुख्य वजह हैं: परिवहन कानून का उल्लंघन, निजी बाइक का व्यावसायिक उपयोग और दिल्ली में बाइक टैक्सी पर रोक।

परिवहन विभाग ने कहा कि 2019 में 171 बाइक टैक्सी पंजीकृत हुए थे। वहीं 2020 में यह आठ था। 2021 में 175 टैक्सी बाइकों का पंजीकरण हुआ था। 2022 में 180 बाइक टैक्सी पंजीकृत हुई हैं, और इस साल 15 बाइक टैक्सी पंजीकृत हुई हैं।

 एआरटीओ प्रशासन, ने बताया कि इस साल बाइक टैक्सी का कम पंजीकरण हुआ है। कारण स्पष्ट नहीं है। उनका दावा था कि निजी बाइकों की बिक्री बहुत अधिक है। टैक्सी चालक संतोष ने कहा कि बहुत से लोग निजी मोटरसाइकिलों को टैक्सी में चला रहे हैं। उसने कहा कि निजी बाइकों को एप-आधारित टैक्सी बुकिंग सेवा में जोड़ने के लिए कंपनी के स्थानीय कर्मचारी बैठे रहते हैं। उनका कहना था कि बाइक टैक्सी में बहुत पैसा नहीं मिलता। यही कारण है कि चालक परिवहन विभाग को रोड टैक्स देना महंगा साबित होता है।

 एक बाइक टैक्सी चालक ने बताया कि दिल्ली में बाइक टैक्सी चलाना वर्जित है। इसलिए कमाई बहुत कम है। गाजियाबाद और नोएडा में लंबी दूरी की सवारी नहीं मिलती है। दिल्ली की पहली सवारी से अच्छी कमाई हुई। इसलिए बाइक टैक्सी खरीदने वाले लोग कम हो गए हैं।

डॉ. उदित नारायण पांडे, एआरटीओ प्रवर्तन, ने कहा कि निजी वाहनों का व्यवसायिक इस्तेमाल परिवहन एक्ट का उल्लंघन है। उनका कहना था कि ऐसे वाहनों को बार-बार पकड़ लिया जाता है। वाहन चालकों को वाहन पंजीकरण की तिथि से पकड़े जाने तक की अवधि का रोड टैक्स देना पड़ता है। व्यवसायिक में पंजीकरण के बाद टैक्सी चालक को सड़क पर चलाना चाहिए।

परिवहन विभाग ने कहा कि चालक जांच के दौरान बता सकता है कि सवारी उसकी रिश्तेदार है। ऐसे में चालक को टैक्सी बुकिंग सेवा के मोबाइल ऐप से पकड़ा जाता है। उनका कहना था कि मोटर स्कूल में चलने वाली निजी कार को पकड़ना भी काफी आसान है। उसमें सिर्फ चालक की सीट नहीं बल्कि बगल की सीट में भी ब्रेक लगे हैं। इसलिए कार जब्त कर सीज कर दी जाती है। उनका कहना था कि चालक थोड़े से फायदे के लिए अपना बड़ा नुकसान नहीं करेंगे।

पंजीकरण ऐसे हुआ

वर्ष           पंजीकरण 

2023            15     
2022            180
2021            175
2020             08   
2019            171