दिल्ली-NCR में CBI करेगी बिल्डर और बैंकों के बीच गठजोड़ की जांच

Delhi: दिल्ली-NCR के होम बायर्स के लिए सुप्रीम कोर्ट से राहत की उम्मीद जगी है. SC कोर्ट ने नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम और गाजियाबाद में परियोजनाओं की CBI को प्रारंभिक जांच के आदेश दिए. विशेष रूप से सुपरटेक समेत अन्य बिल्डरों की भी जांच की जाएगी, जिनकी परियोजनाएं दिल्ली-एनसीआर, मुंबई, चंडीगढ़ और मोहाली में हैं. सुप्रीम कोर्ट ने बैंकों और बिल्डरों के बीच सांठगांठ की आशंका जताई है, जिससे आम जनता को परेशानी का सामना करना पड़ता है.
इस मुद्दे की गहराई से जांच आवश्यक है ताकि होम बायर्स के हितों की रक्षा की जा सके. गृह खरीदारों की शिकायतें कोर्ट ने कहा कि होम बॉयर्स ने शिकायत की कि बैंकों ने उन्हें ईएमआई चुकाने के लिए मजबूर किया, जबकि उन्हें अपने फ्लैटों का कब्जा नहीं मिला था. इस पर कोर्ट ने बैंकों और बिल्डरों के व्यवहार की कड़ी आलोचना की.
पहली CBI जांच विशेष रूप से सुपरटेक लिमिटेड के लेन-देन की जांच करेगी, जो पहले से ही कई उल्लंघनों के लिए जांच के दायरे में है. दूसरी जांच नोएडा, ग्रेटर नोएडा, यमुना एक्सप्रेसवे, गुरुग्राम और गाजियाबाद में परियोजनाओं को भी शामिल करेगी.
कोर्ट की चिंता कोर्ट ने कहा कि 'होम बॉयर्सको रोना पड़ता है' और कई डेवलपर्स और फाइनेंस कंपनियों ने 'गरीब होम बॉयर्स को बंधक बना लिया है'. स्थिति को अत्यंत अन्यायपूर्ण बताते हुए, कोर्ट ने निष्पक्ष और स्वतंत्र जांच की आवश्यकता पर जोर दिया. SC ने दिए जांच के आदेश CBI की इस जांच में राज्यों और रिजर्व बैंक (RBI) का सहयोग भी होगा. सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई ने सुपरटेक समेत सात प्रारंभिक जांच ( PE) दर्ज करने का आदेश दिया. कोर्ट ने उत्तर प्रदेश और हरियाणा केDGP को CBI को पुलिस अफसर मुहैया कराने का आदेश दिया. एक विशेष जांच दल (SIT) भी बनाया जाएगा, जिसमें CBI के अधिकारी, चयनित पुलिस अधिकारी और वित्त एवं रियल एस्टेट के विशेषज्ञ शामिल होंगे. इस मामले की मॉनिटरिंग सुप्रीम कोर्ट करेगा. कोर्ट ने सीबीआई से अंतरिम स्टेटस रिपोर्ट मांगी. कोर्ट हर महीने सुनवाई करेगा.