कूड़ा गाडिय़ां फिर भी कूड़ा ?

Noida: 4 फरवरी फेडरेशन ऑफ नोएडा अध्यक्ष योगेंद्र शर्मा द्वारा नोएडा प्राधिकरण के हेल्थ विभाग के साथ एक मीटिंग रखी गई। जिसमें नोएडा की सभी आरडब्लूए (RWA) आमंत्रित थीं। अत: सभी आरडब्ल्यूए के अध्यक्ष या महासचिव अपने सेक्टर में सफाई व्यवस्था संबंधी जो भी परेशानियां वे झेल रहे हैं उनको कलमबद्ध कर वे मीटिंग में उपस्थित हुए। हर सेक्टर की अपनी-अपनी समस्याएं थीं पर मुझे यह समस्या थी कि जब हर रोज हर सेक्टर में कूड़ा गाड़ी (Garbage Truck) आ रही है तो फिर सेक्टरों में कूड़े की समस्या क्यों है? और कैसे है? मैं बहुत चिंतामग्न थी मेरे दिमाग में सिर्फ तीन ही कारण आ रहे थे।
पहला कारण तो यह था कि लोगों का कूड़े के व्यापार पर विश्वास न होना। जैसा कि हम देखते हैं हर व्यापार में बहुत अधिक कंपटीशन है लेकिन यह कूड़े के व्यापार में पता नहीं क्यों प्रतिस्पर्धा है ही नहीं? आखिर क्यों लोग इस व्यापार में दिलचस्पी नहीं लेते? लेकिन यह भी मैं जानती हूं कि जो लोग इसका व्यापार कर रहे हैं उनका ऐसा मानना है कि इस व्यापार में कभी भी घटा तो हो ही नहीं सकता। व्यापार फ्लॉप होने का भी कोई चांस ही नहीं। व्यापार हर हाल में बढ़ेगा ही बढ़ेगा। क्योंकि जनसंख्या बढ़ रही है। मकान एक मंजिल से चार मंजिल हो रहे हैं। खाली जगह तो बची ही नहीं है। तो कूड़े के ढेर कैसे समाप्त हो सकते हैं? ऐसे में कुछ और व्यापारियों को भी इस व्यापार की ओर देखना ही चाहिए और इस व्यापार को अपनाना भी चाहिए। यदि हम एक एजेंसी से कूड़ा उठवा रहे हैं। उसके बाद भी सेक्टर में कूड़ा है तो हम चॉइस की और भी ध्यान दें।
सेग्रीगेशन (अलग) भी इसकी एक समस्या है। आप कहीं भी सुबह कूड़ा गाड़ी के साथ चलना शुरू कर दें तो आपको हैरानी होगी आज भी बहुत से परिवार है जो कूड़ा सैगरीगेट नहीं करते यानी कि कूड़े को अलग-अलग नहीं करते? सभी की इच्छा यही होती है कि एक ही बाल्टी में डालें और डालकर पलट दें। लेकिन इससे कूड़े वाले नाराज होते हैं। क्योंकि उनको बहुत अधिक काम करना पड़ता है। यदि वे ऐसा इक_ा कूड़ा उठायेंगे तो फिर उसकी प्रोसेसिंग कहां करेंगे? आप ही के तो ब्लॉक में किसी स्थान पर गाड़ी रोक के वह यह काम करेंगे। ऐसे में जब हर रोज ऐसी ही स्थिति बने तो उनका फालतू कूड़ा लेने में रुचि भी कम हो जाती है। थोड़ी मदद कूड़ा गाड़ी वाले भी नहीं करते। यदि कुत्तों ने कूड़ा कहीं बाहर फैला दिया तो वे भी उठाने से साफ इनकार करते हैं और अन्य भी कोई कूड़ा क्यों उठाए?
तीसरा निवासियों को अपने किराएदार कूड़ा कहां फेंक रहे हैं? इसमें रुचि न होना या आपका पड़ोसी कूड़ा कहां फेंक रहा है? इसमें रुचि न होना आज कूड़ा गाड़ी हर घर के आगे आ रही हैं उसके बावजूद भी कुछ लोग ऐसे हैं जो की कूड़ा दाएं बाएं फेंक रहे हैं। आखिर क्यों? क्योंकि गाड़ी के समय वे सो रहे होते हैं। या वे अपने ऑफिस जा चुके होते हैं? और बाद में जहां मौका लगे वहां थैली उछाल कर फेंक रहे हैं। हालांकि अब ऐसे लोग काफी कम हो गए हैं पर हैं। अब कूड़ा फेंकने की संख्या उन वेंडर्स की अधिक है जो बिना वेंडिंग जोन कहीं भी खड़े हो दिन में खाने-पीने का सामान बेचकर रात को मौका लगाकर कहीं भी थैला उछाल देते हैं। किसी गड्ढे में किसी सीवर का ढक्कन टूटा हो उसमें। वैसे किसी खुले नाले में ही ज्यादा है।
एक कारण यह भी है की सफाई कर्मचारी सुबह के समय विभिन्न ब्लाकों में झाड़ू मारते हैं। कूड़े वाला कूड़ा उठाता है लेकिन लगभग सभी ब्लॉकों में गाडय़िां ही गाडय़िां लगी होती हैं। लोग ऑफिस या अपने काम पर अपने समय से जाते हैं। सफाई कर्मचारी सफाई अपने समय पर करके जा चुके होते हैं। ऐसे में गाडिय़ां हटाने पर फिर ब्लॉक गंदे के गंदे ही नजर आते हैं। ऐसे में कूड़े का निस्तारण कैसे होगा? फिर भी हमारे सीईओ डॉ. लोकेश एम ने नोएडा प्राधिकरण के हेल्थ विभाग के साथ एक बहुत अच्छी मुहिम 6 फरवरी से शुरू करने की ठानी है जिसमें हर सेक्टर में हेल्थ विभाग के लोग जाएंगे वे आज गए भी हैं। 8 अप्रैल से नोएडा प्राधिकरण ‘आपके द्वार’ भी शुरू होगा। हर सेक्टर में पांच छह अच्छे कर्मठ सफाई कर्मचारी भी जाएंगे और उस सेक्टर की डीप क्लीनिंग करेंगे। यानी जहां भी उनको जो भी कूड़ा नजर आएगा वह उसको उठाएंगे।
अब ऐसे में हमारा क्या फर्ज बनता है। जहां जिसको, जैसे भी कोई सफाई करने आया नजर आता है तो हम उसका पूरा सहयोग करें। कूड़ा एकत्र करें फिर एकत्रित किए उस कूड़े को हाथ के हाथ उठवाएँ। सबसे अधिक उमंग से कार्यकरने वाले को प्रोत्साहित करें। उसके बाद एग्जीक्यूटिव मेंबर्स का यह फर्ज होगा कि जब स्वच्छता सर्वेक्षण के लिए पब्लिक फीडबैक की डिमांड आए तब वे स्वयं घर-घर जाकर हर घर में जीतने भी मेम्बरस के पास फोन है उनसे फीड बैक भरवाएं और स्वच्छता सर्वेक्षण में पाँचवें स्टार पर खड़े अपने नोएडा महानगर को ऊपर लाएं। इसलिए अब सिर्फ निन्दा ही नहीं सहयोग भी अपेक्षित है।