राम मंदिर के साक्ष्य ढूढने वाले अब खोजेंगे महाभारत की निशानियां

राम मंदिर के साक्ष्य ढूढने वाले अब खोजेंगे महाभारत की निशानियां

Noida: भारतीय सभ्यता और इतिहास के अनछुए पहलुओं को उजागर करने की रुचि रखने वाले भारतीय विरासत संस्थान के छात्र बागपत जिले के कुर्डी गांव में पुरातात्विक सर्वेक्षण शुरू करेंगे। यह अन्वेषण सोमवार से शुरू होगा, जिसमें परास्नातक के छात्रों को उत्खनन की बारीकियां सिखाई जाएंगी। जहां पुरातत्व विभाग के अधिकारी छात्रों को कार्बन कोडिंग समेत अन्य पहलुओं के बारे में सिखाएंगे। राम मंदिर के साक्ष्य ढूढने वाले अब छात्रों के साथ मिलकर महाभारत की निशानियां खोजेंगे।

राम मंदिर के साक्ष्य ढूंढने वाले राष्ट्रीय संग्रहालय के महानिदेशक व सेक्टर-62 स्थित भारतीय विरासत संस्थान के वाइस चांसलर डॉ. बुद्ध रश्मि मणि के नेतृत्व में उत्खनन शुरू होगा। इसका उद्देश्य पुरास्थल के संभावित साक्ष्यों की जांच करना और प्रशिक्षित करना है। अन्य पुरातात्विक सर्वेक्षणों से बागपत क्षेत्र की प्राचीन सभ्यता व संस्कृति से जुड़े कई प्रमाण मिले हैं, जिनमें युद्ध से जुड़े अस्त्र शस्त्र, मिट्टी के बर्तन, गहने और महाभारत काल से संबंधित माने जाने वाले अवशेष भी शामिल हैं।

भारतीय विरासत संस्थान के छात्रों को इस सर्वेक्षण के दौरान पुरातात्विक तकनीकों की बारीकियां सीखने व समझने का अवसर मिलेगा। इस अभियान से छात्रों को इतिहास और पुरातत्व के गहन अध्ययन का व्यावहारिक अनुभव प्रदान करेगा। इस उत्खनन से छात्रों को इतिहास में गहन अध्ययन और ज्ञान प्राप्त होगा। छात्र पुरातात्विक जानकारी से साक्षात करके अनुभव प्राप्त करेंगे जो आने वाले समय में वे अपनी ज्ञान व कौशल से सबके सामने प्रस्तुत करने लायक होंगे।

भारत सरकार के संस्कृति मंत्रालय के अधीन सेक्टर-62 स्थित भारतीय विरासत संस्थान पुरातत्व विभाग के छात्र हैं। अधिकारियों ने बताया, कुर्डी गांव एक संभावित ऐतिहासिक स्थल है जहां विशेषज्ञों का मानना है कि यह क्षेत्र पुरानी सभ्यता का गढ़ हो सकता है। इससे पहले बागपत के सिनौली में खुदाई के दौरान युद्ध रथ, तांबे की तलवारें और अन्य प्राचीन वस्तुएं मिली थीं, जिन्हें महाभारत काल से जोड़कर देखा गया था। यह खोज न केवल भारतीय इतिहास के लिए महत्वपूर्ण है, बल्कि विश्व स्तर पर भी चर्चा का विषय बनी थी।