खाली प्लॉट पर सामूहिक लंच... नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ ये कैसा विरोध प्रदर्शन?

खाली प्लॉट पर सामूहिक लंच... नोएडा प्राधिकरण के खिलाफ ये कैसा विरोध प्रदर्शन?

Noida: सेक्टर-145 की रेजिडेंट वेलफेयर एसोसिएशन (RWA) का अनोखा विरोध विरोध प्रदर्शन पूरे दिल्ली-एनसीआर में चर्चा का टॉपिक बना हुआ है। दरअसल इस अनूठे प्रदर्शन में प्लॉट मालिकों ने नोएडा प्राधिकरण की अनुचित देरी के खिलाफ अपनी आवाज बुलंद की। प्रदर्शन में वरिष्ठ नागरिक, पुरुष, महिलाएं और बच्चे शामिल थे। ये सभी लोग उस साइट पर एकत्रित हुए जहां पर उनको प्लाट सौपे जाने हैं। लगभग 2,250 प्लॉटों की रजिस्ट्रियां लगभग 8 साल पहले की गई थीं और कब्जा न मिलने से करीब 15,000 लोग प्रभावित हो रहे हैं। प्रदर्शनकारियों ने सेक्टर में प्लाट के साइट पर एक अनोखा 'विरोध-भोजन' किया। यह विरोध नोएडा पुलिस, जिला प्रशासन और नोएडा प्राधिकरण को सूचित करने के बाद आयोजित किया गया।

आरडब्ल्यूए ने प्रदर्शन का आयोजन इसलिए किया क्योंकि नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन प्लॉटों के भौतिक कब्जे और सेक्टर के समग्र विकास के लिए समयसीमा साझा नहीं की। प्रदर्शनकारियों ने विकास कार्य की धीमी गति और प्लॉटों के हस्तांतरण के लिए समयसीमा की कमी को उजागर किया। उन्होंने पिछले आश्वासनों के बावजूद प्रगति की कमी पर भी निराशा व्यक्त की। आरडब्ल्यूए ने नोएडा प्राधिकरण और जिला प्रशासन को अपनी मांगों और अपेक्षाओं का ज्ञापन पहले ही सौंप दिया है और प्राधिकरण से भौतिक कब्जे और सेक्टर के समग्र विकास के लिए समयसीमा साझा करने का अनुरोध किया। प्रदर्शनकारियों ने अधिकारियों के साथ नए सिरे से बैठक करने की और क्षेत्र के विधायक और सांसद के साथ बैठक करने की योजना बनाई है।

लोगों ने बताया कि नोएडा प्राधिकरण पिछले 8 वर्षों से मौखिक आश्वासन दे रहा है। अधिकारियों ने 2021 में एक साधारण प्रदर्शन के बाद प्लॉट मालिकों को आश्वासन दिया था कि प्लॉटों का भौतिक कब्जा और सेक्टर का विकास जल्द ही किया जाएगा। लेकिन जमीन पर कुछ ठोस काम नहीं हुआ है। कुछ अधिकारियों ने ये बात भी मानी है कि सेक्टर के विकास में कोई कानूनी अड़चन नहीं हैं, बस प्राधिकरण और जिला प्रशासन की ओर से प्रक्रियात्मक देरी है। सेक्टर के आवासीय प्लॉट किसानों को अधिग्रहित कृषि भूमि के बदले 5% मुआवजे की श्रेणी में आते हैं। आरडब्ल्यूए, सेक्टर 145, नोएडा के अध्यक्ष लतसाहब लोहिया ने कहा, 'हम अपने अधिकारों के लिए अंत तक लड़ेंगे और जरूरत पड़ी तोह हम अपने किसान भाइयो के साथ मिलकर एक और महा-प्रदर्शन करेंगे'