ग्रेटर नोएडा में पौधरोपण अभियान को जनभागीदारी से मिलेगी रफ्तार

ग्रेटर नोएडा में पौधरोपण अभियान को जनभागीदारी से मिलेगी रफ्तार

जनसहभागिता से ही हरा-भरा होगा ग्रेटर नोएडा: एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस

 पौधरोपण अभियान में लगाया जाएगा दो लाख पौधों का लक्ष्य, ग्रीन बेल्ट को गोद लेने के लिए संस्थाएं आगे आईं –

ग्रेटर नोएडा:एनसीआर का सबसे हरित शहर कहलाने वाला ग्रेटर नोएडा अब और अधिक हरा-भरा बनने की दिशा में बढ़ रहा है। इस वर्ष के पौधरोपण अभियान को लेकर ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण ने कमर कस ली है। शासन ने जहां 1.25 लाख पौधे लगाने का लक्ष्य दिया है, वहीं सीईओ एनजी रवि कुमार ने इसे बढ़ाकर लगभग 2 लाख पौधों तक पहुंचाने का निर्णय लिया है। इसमें बड़े पौधों के साथ ही झाड़ियों की प्रजातियां भी शामिल हैं।

इस अभियान को सफल बनाने के लिए सोमवार को एसीईओ श्रीलक्ष्मी वीएस ने उद्यान विभाग की टीम के साथ विस्तृत बैठक की। उन्होंने कहा कि इस बार पौधरोपण केवल सरकारी स्तर तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि जनसहभागिता को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके तहत एनजीओ, आरडब्ल्यूए, सामाजिक संगठन और ग्राम समितियों का सहयोग लिया जाएगा।

 संस्थाओं ने जताई ग्रीन बेल्ट मेंटेनेंस की इच्छा

बैठक के दौरान फ्लोरीकल्चर सोसाइटी और केंद्रीय विहार सोसाइटी के प्रतिनिधियों ने एसीईओ से मुलाकात की और अपनी-अपनी ग्रीन बेल्ट को गोद लेने की इच्छा जताई।

केंद्रीय विहार सोसायटी ने समिति के सामने की ग्रीन बेल्ट के अनुरक्षण का प्रस्ताव दिया।

फ्लोरीकल्चर सोसायटी ने ईटा-1 की ग्रीन बेल्ट को संवारने की योजना रखी।

दोनों संस्थाओं को साइट विजिट की अनुमति दे दी गई है।

 25 हजार पौधों का अलग प्रस्ताव

आईआईपीपीटी संस्था के सचिव श्री संजीव कुलश्रेष्ठ ने 10 एकड़ क्षेत्र में ग्रीन बेल्ट विकसित करने और लगभग 25,000 पौधे लगाने का प्रस्ताव दिया, जिसकी सराहना की गई।

प्राधिकरण की तैयारियां

अभियान के लिए उद्यान विभाग के डीजीएम संजय कुमार जैन और सहायक निदेशक बुद्ध विलास को नोडल अधिकारी नियुक्त किया गया है।

वरिष्ठ प्रबंधक पीपी मिश्र समेत उद्यान विभाग की पूरी टीम इस अभियान को गति देने में जुट गई है।

 सीईओ एनजी रवि कुमार का बयान:

“पौधे लगाना सिर्फ सरकारी जिम्मेदारी नहीं, बल्कि हर नागरिक का कर्तव्य है कि वह कम से कम एक पौधा अवश्य लगाए और उसकी देखभाल करे। घरों की बालकनी में भी गमले में पौधे लगाएं, इससे शुद्ध हवा मिलती रहेगी।”

— एनजी रवि कुमार, सीईओ ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण