खबर का असर: सनी यादव को प्राधिकरण की चेतावनी, कर्मवीर नागर के आरोपों के बाद मचा हड़कंप"

खबर का असर: सनी यादव को प्राधिकरण की चेतावनी, कर्मवीर नागर के आरोपों के बाद मचा हड़कंप"

खबर का असर: ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में सनी यादव को लेकर उठे सवालों पर अफसरों की कड़ी चेतावनी – किसानों की शिकायतों पर आया जवाब

 ग्रेटर नोएडा | 1 जुलाई 2025 | ख़बर एनसीआर विशेष रिपोर्ट l ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण में कार्यरत सनी यादव पर लगातार उठ रहे भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच अब प्राधिकरण ने उन्हें लेकर सख्त कदम उठाते हुए एक लिखित चेतावनी पत्र जारी किया है।

यह कार्यवाही तब हुई जब कर्मवीर नागर प्रमुख ने सनी यादव पर खुलेआम आरोप लगाते हुए कहा कि:

 “ग्रेटर नोएडा में प्राधिकरण की कार्रवाई मुख्यमंत्री के निर्देश से नहीं बल्कि रिश्वत मिलने या न मिलने से तय होती है। जब सनी यादव जैसे अधिकारी पैसे लेकर कॉलोनी बसाते हैं और बिना पैसे वालों की तोड़फोड़ करते हैं तो विरोध तो होगा ही।”

 प्राधिकरण ने क्या कहा?

1 जुलाई 2025 को ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण द्वारा जारी पत्र में स्पष्ट रूप से कहा गया है कि:

 "यदि कार्यकाल के दौरान किसी क्षेत्र में अवैध निर्माण, कॉलोनाइज़ेशन या किसी अन्य प्रकार की अनियमितता पाई जाती है तो उसकी पूरी जिम्मेदारी सनी यादव की होगी।"

यह पत्र वरिष्ठ प्रबंधक (सर्किल-2) के रूप में सनी यादव को संबोधित किया गया है और उसमें साफ तौर पर तीन बड़ी चेतावनियाँ दी गई हैं:

 गूगल अर्थ, फोटो या मौके से अवैध निर्माण पकड़ा गया तो व्यक्तिगत जिम्मेदारी।

 कार्य क्षेत्र में अनियमितता मिलने पर पूरी टीम जिम्मेदार।

 यदि कोई त्रुटि होती है या ऑडिट आपत्ति आती है तो स्वंय जिम्मेदार।

 क्या है पूरा विवाद?

कर्मवीर नागर प्रमुख ने आरोप लगाया कि:

सनी यादव को मैनेजर होते हुए भी चार सीनियर वर्क सर्किल्स का चार्ज देकर नियमों की धज्जियां उड़ाई गईं।

भनोता, सादुल्लापुर जैसी जगहों पर रिश्वत के बल पर कॉलोनियों को नजरअंदाज किया गया और जो रिश्वत नहीं दे सके, उनके मकान तोड़ दिए गए।

सोशल मीडिया पर किसानों ने 20 लाख की डिमांड और डिमोलिशन की शिकायत की थी।

संदीप रावल नामक प्लेसमेंट कर्मी के जरिए भूखंड शिफ्टिंग में भी बड़ा घोटाला सामने आया।

 कर्मवीर नागर का बड़ा सवाल

 “जिस अधिकारी के पिता यादव सिंह भ्रष्टाचार के लिए पूरे देश में बदनाम रहे, अब वही रास्ता उसका बेटा सनी यादव भी अपना रहा है। क्या यही है प्रशासन का चेहरा क्या शासन ऐसे अधिकारियों को बचा रहा है?”

— कर्मवीर नागर प्रमुख

क्या कहता है दस्तावेज़?

प्राधिकरण द्वारा सनी यादव को भेजा गया पत्र इस पूरे विवाद के बीच 'खबर का असर' साबित हो रहा है। पत्र में पूर्व चेतावनी, अदालत के आदेशों के पालन की बाध्यता, और निजी जवाबदेही स्पष्ट शब्दों में तय की गई है।

 जनता की मांग: निष्पक्ष जांच हो

अब जनता, किसान और सामाजिक कार्यकर्ता यह मांग कर रहे हैं कि:

सनी यादव के खिलाफ उच्च स्तरीय जांच कराई जाए।

अवैध कॉलोनियों से जुड़े भ्रष्टाचार की CBI या SIT जांच हो।

किसानों को उनके आबादी भूखंड और हक तुरंत दिए जाएं।

 निष्कर्ष

 “अगर सरकार वाकई ईमानदार है तो सनी यादव जैसे अधिकारियों को बर्खास्त कर कार्रवाई करे, वरना जनता को अपना हक पाने के लिए संघर्ष तेज करना होगा।”

— कर्मवीर नागर प्रमुख